यसायाह 53
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
53 हम जउन बातन बताए रहे, ओनकर फुरइ कउन बिस्सास किहस? यहोवा क दण्ड क फुरइ कउन कबूलेस?
2 यहोवा क समन्वा एक नान्ह पउधन क तरह ओकर बढ़वार भइ। उ एक अइसी जड़ क समान रहा जउन झुरान धरती मँ फूटति रही। उ कउनो खास, नाहीं देखाइ देत रहा। न ही कउनो ओकर कउनो विसेस महिमा रही। जदि हम ओका देखिन तउ हमका ओहमा कउनो अइसी विसेस बात नाहीं देखाइ देत, जेहसे हम ओका चाह सकित। 3 ओहसे घिना कीन्ह गइ रही अउर ओकर मीतन ओका तजि दिहे रहेन। उ एक अइसा मनई रहा जउन पीरा क जानत रहा। उ बीमारी क बहोत अच्छी तरह पहिचानत रहा। लोग ओका एतना भी आदर नाहीं देत रहेन कि ओका देख तउ लेइँ। हम तउ ओह पइ धियान तलक नाहीं देत रहे।
4 किन्तु उ हमार पाप अपने उपर लइ लिहस। उ हमार पीरा क हमसे लइ लिहस अउर हम इहइ सोचत रहे कि परमेस्सर ओका दण्ड देत अहइ। हम सोचा परमेस्सर ओह पइ ओकरे करमन बरे मार लगावत अहइ। 5 किन्तु उ तउ ओन बुरे कामन बरे बेधा जात अहइ, जउन हम किहे रहे। उ हमार अपराधन बरे कुचरा जात रहा। जउन कर्जा हमका चुकावइ क रहा, यानी हमार दण्ड रहा, ओका उ चुकावत रहा। ओकरी सबइ यातना क बदले मँ हम चंगे (छिमा) कीन्ह ग रहे। 6 किन्तु ओकरे एतना करइ क पाछे भी हम सब भेड़िन क तरह एहर-ओहर भटक गए। हम मँ स हर एक आपन-आपन राह चला गवा। यहोवा क जरिये हमक हमार अपराधन स मुक्त कइ दीन्ह जाइ क पाछे अउर हमरे अपराध क आपन सेवक स जोड़ देइ पर भी हम अइसा कीन्ह।
7 ओका सतावा गवा अउर दण्डित कीन्ह गवा। किन्तु उ ओकरे विरोध मँ आपन मुँह नाहीं खोलेस। उ बध बरे लइ जाइ जात भइ मेमना क समान चुप रहा। उ उ मेमना क समान चुप रहा जेकर ऊन उतारा जात रहा होइ। उ कबहुँ आपन मुँह नाहीं खोलेस। 8 लोग ओह पइ बल प्रयोग किहन अउर ओका लइ गएन। ओकरे साथ खरेपन स निआव नाहीं कीन्ह गवा। ओकर भावी परिवार बरे कउनो वुछ नाहीं कहि सकत काहेकि सजीव लोगन क धरती स ओका उठाइ लीन्ह गवा। मोर लोगन क पापन्क भुगतान करइ बरे ओका दण्ड दीन्ह गवा रहा। 9 ओकर मउत होइ गइ अउर दुट्ठ लोगन क संग ओका गाड़ा गवा। धनवान लोगन क बीच ओका दफनावा गवा। उ कबहुँ कउनो हिंसा नाहीं किहेस। उ कबहुँ झूठ नाहीं बोलेस किन्तु फुन भी ओकरे साथ अइसी बातन घटिन।
10 यहोवा ओका कुचर डावइ क निहचय किहेस। यहोवा निहचय किहस कि उ सबइ यातना झेलइ। तउ सेवक आपन प्रान तजइ क खुद क सौंपेस। किन्तु उ एक नवा जीवन अनन्त-अनन्त काल तलक बरे पाई। उ आपन लोगन क लखी। यहोवा ओका जउन करइ चाहत ह, उ ओन बातन क पूरा करी। 11 उ आपन आतिमा मँ बहोत सी पीरन झेली किन्तु उ घटइवाली अच्छी बातन क लखी। उ जउने बातन क गियान प्राप्त करत ह, ओनसे संतुट्ठ होइ।
मोर उ उत्तिम सेवक बहोत स लोगन क ओनके अपराधन स छुटकारा दिलवाई। उ ओनके पापन्क अपने सिरन पइ लइ लेइ। 12 एह बरे मइँ ओका बहोतन क संग पुरस्कार क सहभागी बनाउब। उ सबइ चिजियन क उ लोगन क बीच मँ बाँटब जउन मज़बूत अहइ। काहेकि उ आपन जिन्नगी दूसरन बरे दइ दिहस। उ अपने आप क अपराधियन क बीच गना जाइ दिहस। जबकि उ वास्तव मँ बहुतेरन क पापन्क दूर किहस अउर अब उ पाप बरे ओनकर रच्छक क रूप मँ बोलत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.